न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कसौली
Updated Thu, 03 May 2018 10:08 AM IST
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गोली लगने से पहले मंगलवार की सुबह शर्मा ने कोर्ट के आदेश वाले कागजात दिखाए थे। इन कागजों में उन सभी अवैध निर्माण की जानकारी थी जिन्हें कि गिराया जाना था। उनकी टीम के एक सदस्य ने घोषणा करते हुए कहा था कि नारायणी और उसके बगल वाले शिवालिक होटल को खाली कर दिया जाए ताकि अवैध निर्माण को हटाने वाली टीम अपना काम कर सके। ठाकुर और शिवालिक होटल के मालिक वेद गर्ग घोषणा के बाद बाहर आए। शर्मा ने बहुत ही आराम से उन्हें बताया कि वह केवल कोर्ट के आदेश का पालन कर रही हैं। दोनों उनके साथ अवैध निर्माण को ढहाने को लेकर बहस करने लगे।
शर्मा ने ठाकुर और उनकी मां नारायणी (इन्हीं के नाम पर गेस्ट हाउस का नाम रखा गया है) से कहा- खाली करवा दो सामान। ठाकुर ने कहा कि उनके पास इमारत का पास हुआ नक्शा है। मगर शर्मा अपनी बात दोहराती रहीं कि हम केवल कोर्ट के आदेशों का पालन कर रहे हैं। ठाकुर इस दौरान लगातार हाथ जोड़कर शर्मा से अपने गेस्ट हाउस को ना ढहाने की अपील करता रहा। जिसपर उन्होंने कहा कि आपने कोर्ट की डेडलाइन के अंदर अवैध निर्माण को क्यों नहीं हटाया। आप कोर्ट में अपील दायर कीजिए। हमारा समय बर्बाद मत कीजिए। ऐसा है ना सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर हैं मेरे पास, यह मेरे ऑर्डर नहीं हैं। हम आपसे कोई लड़ाई नहीं करना चाहते हैं केवल कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं।
एसडीएम द्वारा समझाने के बाद ठाकुर कुछ देर के लिए शांत हो गया। इसके बाद एसडीएम और टाउन प्लानर दूसरी साइट को देखने के लिए चले गए। दोपहर 1.45 बजे शर्मा ने लंच ब्रेक लिया। उनकी टीम डिप्पी पहुंची जो नारायणी गेस्ट हाउस से 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। 2.30 बजे जैसे ही वह नारायणी गेस्ट हाउस वापस पहुंची, तभी ठाकुर ने उनपर गोली चला दी। गेस्ट हाउस के अंदर उस समय मौजूद पीडब्ल्यूडी कर्मचारी रौशन लाल ने बताया कि पहली गोली मैडम के सीने में लगी। इसके बाद उसने दूसरी गोली गुलाब सिंह को मारी। मैडम बाहर की तरफ भागी लेकिन ठाकुर ने उनका पीछा किया और दोबारा गोली मार दी। जिसके बाद वह नीचे गिर गईं।
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