H D Deve Gowda Said Wanted To Quit My Loksabha Membership But Modi Persuaded Me Against Doing So - Pm की तारीफ से गदगद देवगौड़ा बोले- छोड़ने वाला था अपनी लोकसभा सीट लेकिन मोदी ने मना लिया

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 03 May 2018 10:18 AM IST



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कर्नाटक में अब कुछ ही दिनों बाद चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में दो धुर-विरोधी पार्टियां भाजपा और जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) के नेता एक-दूसरे की तारीफ कर रहे हैं। एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा की तारीफ की थी। जिसके बाद बुधवार को देवगौड़ा ने कहा कि वह लोकसभा सदस्य केवल मोदी की वजह से बने हुए हैं। जेडीएस प्रमुख ने कहा कि लोकसभा सांसद के तौर पर यदि वह बेहतर काम कर रहे हैं तो इसकी वजह पीएम मोदी हैं। उन्होंने पीएम मोदी के प्रोत्साहित करनेवाले व्यवहार की भी काफी तारीफ की।

हालांकि उन्होंने अपने बदले हुए इस तेवर के लिए कर्नाटक चुनाव में किसी तरह के गठबंधन होने की बात से साफ इंकार कर दिया है। देवगौड़ा ने कहा- 2014 के चुनाव से पहले मैंने कहा था कि मैं अपनी लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दूंगा अगर भाजपा को अपने बलबूते बहुमत मिलता है। नतीजों के बाद मैं इस्तीफा देने वाला था लेकिन मोदी ने मुझे ऐसा ना करने के लिए मना कर दिया। उन्होंने कहा कि देश को एक अनुभवी और वरिष्ठ नेता की सेवाओं की जरूरत है।  

देवगौड़ा ने पीएम मोदी को एक स्मार्ट राजनेता बताया। उन्होंने कहा- मोदी को मालूम है कि कर्नाटक की राजनीति में क्या हो रहा है और यह भी कि राहुल गांधी ने मेरे बारे में क्या कहा था। इन्हीं कारणों से उन्होंने सम्मान और शिष्टाचार के नाते मेरी तारीफ की है लेकिन इसका यह मतलब बिलकुल नहीं है कि हमारे बीच के राजनीतिक मतभेद खत्म हो गए हैं। मैंने उनसे चार या पांच बार मुलाकात की है और उनसे किसानों की परेशानियों के अलावा महादई मामले पर बात करने के लिए कहा है।

पूर्व पीएम ने कहा- मोदी ने मेरी बात सुनी लेकिन उसपर कुछ नहीं कहा। मैं उम्मीद कर रहा था कि वह चुनाव प्रचार के दौरान महादई को लेकर बोलेंगे लेनिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का कहना है कि मोदी का देवगौड़ा की तारीफ करना एक राजनीतिक बयान है और यह साफ दिखाता है कि भाजपा और जेडीएस के बीच मूक सहमति है। भाजपा नेता जेडीएस की आलोचना नहीं करते और ना ही वे भाजपा की करते हैं।



कर्नाटक में अब कुछ ही दिनों बाद चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में दो धुर-विरोधी पार्टियां भाजपा और जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) के नेता एक-दूसरे की तारीफ कर रहे हैं। एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा की तारीफ की थी। जिसके बाद बुधवार को देवगौड़ा ने कहा कि वह लोकसभा सदस्य केवल मोदी की वजह से बने हुए हैं। जेडीएस प्रमुख ने कहा कि लोकसभा सांसद के तौर पर यदि वह बेहतर काम कर रहे हैं तो इसकी वजह पीएम मोदी हैं। उन्होंने पीएम मोदी के प्रोत्साहित करनेवाले व्यवहार की भी काफी तारीफ की।


हालांकि उन्होंने अपने बदले हुए इस तेवर के लिए कर्नाटक चुनाव में किसी तरह के गठबंधन होने की बात से साफ इंकार कर दिया है। देवगौड़ा ने कहा- 2014 के चुनाव से पहले मैंने कहा था कि मैं अपनी लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दूंगा अगर भाजपा को अपने बलबूते बहुमत मिलता है। नतीजों के बाद मैं इस्तीफा देने वाला था लेकिन मोदी ने मुझे ऐसा ना करने के लिए मना कर दिया। उन्होंने कहा कि देश को एक अनुभवी और वरिष्ठ नेता की सेवाओं की जरूरत है।  

देवगौड़ा ने पीएम मोदी को एक स्मार्ट राजनेता बताया। उन्होंने कहा- मोदी को मालूम है कि कर्नाटक की राजनीति में क्या हो रहा है और यह भी कि राहुल गांधी ने मेरे बारे में क्या कहा था। इन्हीं कारणों से उन्होंने सम्मान और शिष्टाचार के नाते मेरी तारीफ की है लेकिन इसका यह मतलब बिलकुल नहीं है कि हमारे बीच के राजनीतिक मतभेद खत्म हो गए हैं। मैंने उनसे चार या पांच बार मुलाकात की है और उनसे किसानों की परेशानियों के अलावा महादई मामले पर बात करने के लिए कहा है।

पूर्व पीएम ने कहा- मोदी ने मेरी बात सुनी लेकिन उसपर कुछ नहीं कहा। मैं उम्मीद कर रहा था कि वह चुनाव प्रचार के दौरान महादई को लेकर बोलेंगे लेनिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का कहना है कि मोदी का देवगौड़ा की तारीफ करना एक राजनीतिक बयान है और यह साफ दिखाता है कि भाजपा और जेडीएस के बीच मूक सहमति है। भाजपा नेता जेडीएस की आलोचना नहीं करते और ना ही वे भाजपा की करते हैं।





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