न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Wed, 02 May 2018 09:16 PM IST
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ऐतिहासिक धरोहर लाल किले को डालमिया समूह को दिए जाने के विरोध में दिव्या चेतना समिति की तरफ से लाल किला चौक पर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर प्रदर्शनकारियों ने हाथ में डब्बे लेकर आम लोगों से लाल किले को बचाने के लिए बस, ई रिक्शा में बैठे यात्रियों से एक-एक रुपये का चंदा मांगा गया।
प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे राहुल शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार एक तरफ राष्ट्रवादी होने की बात करती है, जबकि ऐतिहासिक धरोहर लाल किले को संभालने में नाकाम रही है। उन्होंने सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की। इससे पहले लाल किले को डालमिया भारत ग्रुप को गोद दिए जाने के बाद कार्यात्मक आधिपत्य को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) में वर्चस्व कायम रखने का माहौल पैदा हो गया है।
प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे राहुल शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार एक तरफ राष्ट्रवादी होने की बात करती है, जबकि ऐतिहासिक धरोहर लाल किले को संभालने में नाकाम रही है। उन्होंने सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की। इससे पहले लाल किले को डालमिया भारत ग्रुप को गोद दिए जाने के बाद कार्यात्मक आधिपत्य को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) में वर्चस्व कायम रखने का माहौल पैदा हो गया है।
सुविधाओं के लिए लाल किले की आउटसोर्सिंग के बाद से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का अधिकार क्षेत्र सीमित हो गया है, लेकिन लाल किले की खूबसूरती को बनाए रखने का सबसे महत्वपूर्ण कार्य अभी भी एएसआई के पास ही है। कई दशकों से लाल किले के संरक्षण से जुड़े अधिकारियों द्वारा इसकी आउटसोर्सिंग को लेकर नाराजगी भी जाहिर की जा रही है।
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