वॉशिंगटन में पाक के नए राजदूत की नियुक्ति में अमेरिका की नहीं मिली मंजूरी, जानिए क्या है वजह

[ad_1]

इस्लामाबाद: वॉशिंगटन में पाकिस्तान के नए राजदूत के रूप में अली जहांगीर सिद्दीकी की नियुक्ति को अमेरिका सरकार की मंजूरी नहीं मिल पा रही है क्योंकि उनके नए कार्यभार को देश की विभिन्न अदालतों में चुनौती दी गई है. यह बात गुरुवार(3मई) को एक मीडिया रिपोर्ट में कही गई. पाकिस्तान की संघीय सरकार ने मार्च में घोषणा की थी कि वह कराची के कारोबारी अली जहांगीर सिद्दीकी को अमेरिका में पाकिस्तान का राजदूत नियुक्त करना चाहती है. डॉन न्यूज के अनुसार पाकिस्तान ने लगभग दो महीने पहले संबंधित दस्तावेज अमेरिका भेजे थे और अब वह उसकी सहमति का इंतजार कर रही है.


सहमति किसी राजनयिक प्रतिनिधि को उस देश की मंजूरी होती है जहां उसे नियुक्त किया जाना होता है. राजनयिक नियम मेजबान सरकार को दूसरी सरकार से यह कहने की अनुमति नहीं देते कि राजदूत के रूप में किसे भेजा जाए, लेकिन वे मेजबान सरकार को नियुक्ति मंजूर करने के लिए बाध्य भी नहीं करते.


सिद्दीकी की नियुक्ति का आदेश सीधे प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी से आया था
मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया है कि सिद्दीकी की नियुक्ति का आदेश सीधे प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी से आया था. सिद्दीकी अपना नया कार्यभार घोषित होने से पहले आर्थिक और कारोबारी मुद्दों पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक थे. वह जेएस बैंक लिमिटेड के अध्यक्ष भी हैं जिसके मालिक उनके पिता जहांगीर सिद्दीकी हैं. अली जहांगीर पूर्व में एअर-ब्लू में निदेशक भी रह चुके हैं जो प्रधानमंत्री के परिवार से संबद्ध है . उनके नए कार्यभार को पाकिस्तान की विभिन्न अदालतों में चुनौती दी गई है. 


वहीं, नेशनल असेंबली और सीनेट में विपक्षी सांसदों ने इसे खारिज कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि सेना प्रमुख ने भी हाल में वरिष्ठ पत्रकारों के साथ एक अनौपचारिक चर्चा में नियुक्ति का विरोध किया. इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पिछले महीने अमेरिका में राजदूत के रूप में सिद्दीकी की नियुक्ति को चुनौती दिए जाने से संबंधित एक मामले में उनसे जवाब मांगा था. राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो लाहौर की एक संयुक्त जांच टीम ने कथित गबन के एक मामले में उनसे एक घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी.


सिद्दीकी के सहमति दस्तावेजों को मंजूरी देने में अमेरिका की असहमति
वॉशिंगटन में पर्यवेक्षकों ने कहा कि सिद्दीकी के सहमति दस्तावेजों को मंजूरी देने में अमेरिका की अनिच्छा पाकिस्तान में हुए इन घटनाक्रमों से जुड़ी है. उन्होंने उल्लेख किया कि क्योंकि नियुक्ति एक ऐसी सरकार द्वारा की गई है जिसका कार्यकाल एक महीने से कम समय में पूरा होने जा रहा है, इसलिए अमेरिका प्रक्रिया को जल्द अंजाम देने को लेकर कोई दबाव महसूस नहीं करता. 


मई के अंत तक पाकिस्तान को एक नई अंतरिम सरकार मिल जाएगी और मंजूरी में तब तक विलंब होता है तो वर्तमान राजदूत एजाज अहमद चौधरी आम चुनावों तक इस पद पर बने रहेंगे. अगला राजदूत जून या जुलाई में आम चुनावों के बाद बनने वाली सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा. 


इनपुट भाषा से भी 




[ad_2]

Source link

Post a Comment

0 Comments