न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Wed, 02 May 2018 11:38 AM IST
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स्वामी ने मुद्दा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा के आगे उठाया, जिन्होंने स्वामी से कहा कि वह जुलाई में यह मुद्दा कोर्ट के समक्ष लेकर आए।
Supreme Court today refused to give an urgent hearing to a mentioning by Bharatiya Janata Party (BJP) leader Subramanian Swamy, who sought a direction to perform puja at the site in Ayodhya.
— ANI (@ANI) May 2, 2018
भिड़े हिंदू-मुस्लिम पक्षकार
इससे पहले अयोध्या विवाद मामले को संविधान पीठ को भेजने संबंधी मांग पर हिंदू और मुस्लिम पक्षकार आमने-सामने आ गए। मुस्लिम पक्षकार मामले को संविधान पीठ को सौंपे जाने के पक्ष में थे, जबकि हिंदू पक्षकारों का कहना है कि यह विशुद्ध रूप से भूमि विवाद का मामला है, ऐसे में इसे बड़ी पीठ के पास भेजने का कोई औचित्य नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की पीठ के समक्ष हिंदू पक्षकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि मामले की सुनवाई तीन सदस्यीय पीठ कर रही है, इसलिए उसे ही सुनना चाहिए।
मामले के राजनीतिक या धार्मिक रूप से संवेदनशील होने का मतलब यह नहीं है कि उसे बड़ी पीठ के पास भेजा जाए। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था या प्रचलन है कि जब किसी हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ द्वारा पारित आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाती है कि तो उस अपील पर दो सदस्यीय पीठ की बजाए तीन सदस्यीय पीठ ही सुनवाई करती है।
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