न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 05 May 2018 10:43 AM IST
ख़बर सुनें
इस वक्त लैंड ओनिंग एजेंसियां जैसे कि नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण और पीडब्लूडी ही सड़कें बनाने का काम करती हैं। जिसके लिए दिल्ली जल बोर्ड और अन्य एजेंसियां पैसे देती हैं। लेकिन अब यह तरीका बदल चुका है। शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए बताया कि राज्यपाल अनिल बैजल ने 'रोड रिस्टोरेशन पॉलिसी' को मंजूरी दे दी है। जिसके तहत जिन भी सड़कों को खोदा गया है उन सबको भरा जाएगा।
उन्होंने कहा कि एजेंसी का काम जैसे ही खत्म होगा उसके बाद 48 घंटे के भीतर ही उन्हें खोदी गई सड़कों को पूरी सरह से रिपेयर करना होगा। इससे उन लोगों को आसानी होगी जिन्हें खराब सड़कों के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा जो भी एजेंसी अपने काम के दौरान सड़क खोदने का काम करेगी उस क्षेत्र में ट्रैफिक और सुरक्षा का ध्यान भी उसे ही रखना होगा। इसके साथ ही जब उसका काम पूरा हो जाए तो उसे सड़क की अच्छी तरह से की गई मरम्मत का सर्टिफिकेट दिखाना होगा।
जैन ने कहा कि संबंधित कंपनी को सड़क मरम्मत के काम के दौरान उस एरिया में आवश्यक बैरिकेड और सावधानी से संबंधित बोर्ड भी लगाने होंगे ताकि वहां मौजूद लोगों की सुरक्षा मुहैया हो सके। उन्होंने कहा कि अब ऐसा नहीं होगा कि सड़कें बिना मरम्मत के ऐसी ही रहें। उन्होंने पश्चिमी दिल्ली के सरस्वती विहार का उदाहरण भी दिया जहां सड़क की मरम्मत करने में दो वर्ष का समय लग गया। उन्होंने बताया कि दिल्ली जल बोर्ड पाइप लाइन जैसे कार्यों के लिए सड़क खुदवाती है जिसके लिए पुरानी पॉलिसी के मुताबिक नगर निगम को सड़क निर्माण के लिए 1.5 करोड़ रुपये दिए गए थे। लेकिन लंबी प्रक्रिया और समन्वय की कमी के कारण सड़कें ऐसे ही छोड़ दी गईं।
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार को बहुत सी कलॉनी के लोगों ने शिकायत की थी कि उनके घर के आसपास की सड़कों को काम के लिए खोद तो दिया जाता है लेकिन उनकी मरम्मत नहीं होती। इसके बाद सरकार ने इस काम के लिए पॉलिसी बनाई जिसे राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया।
[ad_2]
Source link
0 Comments
Watch The Videos To Learn More Best Weight Loss Health Tips Program